मानव को बनाकर शायद अब विधाता भी बहुत, बहुत पछताते हैं। मानव को बनाकर शायद अब विधाता भी बहुत, बहुत पछताते हैं।
महफूज़ रहे जहाँ बिटिया मेरी, कोई ऐसा भी कोना देखा? महफूज़ रहे जहाँ बिटिया मेरी, कोई ऐसा भी कोना देखा?
मर्यादा पुरुषोत्तम थे रघुवर, पर नारी को अग्नि कसौटी तोला! मर्यादा पुरुषोत्तम थे रघुवर, पर नारी को अग्नि कसौटी तोला!
कभी सामाजिक परम्पराओं की आड़ पर। पीती वह रोज अपमान का कड़ुआ जहर कभी सामाजिक परम्पराओं की आड़ पर। पीती वह रोज अपमान का कड़ुआ जहर
हाँ, नारी के साथ दुर्व्यवहार करना, प्रताड़ित करना मानव रूपी दानव को ले जाएगा असमम मृत्य हाँ, नारी के साथ दुर्व्यवहार करना, प्रताड़ित करना मानव रूपी दानव को ले जाएगा अ...
कर लूँ तो क्या बुरा है ? किसी फकीर से सुना था मुझमें भी खुदा रहता है मैं सशक्त “ न कर लूँ तो क्या बुरा है ? किसी फकीर से सुना था मुझमें भी खुदा रहता है ...